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(राजकमल के जन्मदिन पर शुभकामना !)
बधाई हो बधाई जनम दिन की तुमको !
जनम दिन तुम्हारा, मिलेंगे (खुशी के) लड्डू हमको!
जैसा तुमने सिखाया हमको वैसी लिखेंगे चिट्ठी सभी को
एक अनजान बाल चेहरा जिसको गोद में कभी खिलाया नहीं
चिठ्ठी- पत्री माध्यम से ही हम सभी यहाँ जुड़े, फिर भी कोई गिला नहीं !
जब भी कुछ लिखता हूँ, उस भटकती रूह को अपने आसपास ही पाता हूँ,
आ जाए गर कोई अड़चन तो , राह नई पाता हूँ !
ना कोई रिश्ता है ना ही कोई सम्बन्ध
पर कैसा अनोखा है यह आत्म-बन्ध,
मान्यवर महाधूर्त बगुलाभगत राजकमल !
सादर वंदन है उस लंगूर को है अभिनन्दन
गुजर रहे इस जीवन पर स्म्रतियों का है चन्दन
नित नई शादिया करने के लिए जवाँ रहें खुशहाल रहे,
होती शादियाँ इसकी हर साल रहे,
जन्मदिन तुम्हे मुबारक राजकमल,
मिलती बधाईयाँ तुमको हर साल रहे.
अजब सी बोली है रहस्यमय सी शैली है,
प्रतिक्रियाओं का हरदम , मिलता तुम्हे उपहार रहे,
जन्मदिन तुम्हे मुबारक राजकमल,
खुशहाल सदा यह जागरण जंक्शन परिवार रहे.
जब भी इस मरदूद की याद आती है ,. चेहरे पे हँसी आ जाती है
” कमला” इंसान हैं वो तो , अदाएं ही बतलाती हैं
लिखें क्या उसकी खिदमत में ,जो देते प्यार से घुड़की
रहें खुशहाल वो हरदम , यही अरदास है हम सबकी
आज सुबह 21 दिसम्बर हॅप्पी बर्थड़े कहने आई ! राजकमल भाई !
जागरण ब्लॉग पे खुशी है छाई ! राजकमल भाई !
दूसरों का इस्तेमाल करके तुमने अपनी इक अलग ही पहचान बनाई ! राजकमल भाई !
सूरत अपनी फिर भी नहीं दिखलाई ! राजकमल भाई !
जवाहर जी ने इक राह दिखाई ! राजकमल भाई !
जन्म दिवस पर ढेरों बधाई ! राजकमल भाई
(प्रिय ब्लागर भाईयों + बहनों – आदरणीय और सम्माननीय तथा पूज्यनीय ब्लागर साथियों में आप सभी का गुनाहगार आपकी कचहरी में मुजरिम बन कर हाजिर हूँ …. क्योंकि मेरे जन्मदिन पर आप सभी ने जो असीम प्यार और स्नेह लुटाया था उसको मैं मनहूस उस समय किसी कारणवश ग्रहण नहीं कर सका …..
इसलिय इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आदरणीय जवाहर लाल जी + संतोष जी + अशोक जी + ठाकुर साहिब + दोनों डाक्टर साहिब तथा
आदरणीय साधना बहिन जी का तथा बाकि सभी ब्लागरों का हार्दिक शुक्रिया अदा करता हूँ ……
इसके इलावा एक बात की और माफ़ी चाहूँगा की आप सभी की लाइनों को अपनी सुविधानुसार यहाँ पर तोड़ मरोड़कर इक्कठा कर दिया है …… उम्मीद करता हूँ की आप बुरा मानने की बजाय इसका आनंद लेंगे – फिर से एक बार आप सभी का आभार )
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