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यहइसी साल अप्रैल के महीने के एक शुक्रवार की सुबह 8 : 10 बजे की बात है की दिल्ली से मुंबई जा रही इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाईट नंबर –6 ई – 179 के यात्री प्रमोद अमोलकर ने उस प्लेन के , जोकि कोहरे के कारण पहले से ही लेट था , के टेक आफ करने से ठीक पहले महज इसलिए हंगामा बरपा दिया की उस प्लेन को एक छैल छबीली कमसिन महिला पायलट चलाने वाली थी …. जनाब ने उस प्लेन में महिला पायलट के होने के कारण जाने से सिरे से ही इनकार कर दिया …… जिसकी वजह से बाकी के मुसाफिरों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा ……
इनके द्वारा खड़े किये गए बखेड़े के कारण ही वोह फ्लाइट न केवल तकरीबन डेढ़ घंटे के करीब लेट हुई बल्कि इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरी अक्षरों में लिखवाने में भी कामयाब हुई …. परियों सी सुन्दर एयर होस्टेस , सिक्युरिटी एजेंसी और और आला फ्लाईट अधिकारियों द्वारा उस कुढ़मगज के दिमाग में जब एविएशन सैक्टर की यह जमीनी हकीकत डाली गई की न केवल हमारे भारतवर्ष में बल्कि पूरे विश्व में अनेकोनेक महिलाए पिछले कई सालों से बतौर पायलट विमान उड़ा रही है ….. तब कहीं जाकर उस मरदूद के भेजे में यह बात घुस पाई और वोह “खानदानी और संस्कारवान” यात्री फ्लाईट में बैठने के लिए तैयार हुआ ……
उसके फ्लाईट में बैठने पर सभी ने राहत की सांस ली ….. इसके बाद उसने अपनी इस “काबिलेतारीफ नादानी” के लिए अन्य सभी यात्रियों और हवाई जहाज के क्रू मैम्बरो से माफ़ी मांग ली तथा प्लेन ने तमाम यात्रियों को लेकर मुंबई के लिए उड़ान भर ली ….
दोस्तों हमारे देश रूपी जहाज को पहले तो लगभग अठारह साल तक एक महिला श्रीमती इंदिरा गांधी ने चलाया (उड़ाया ) और उनकी अकस्मात दुखद म्रत्यु के पश्चात उनके पायलट सपुत्र राजीव गांधी ने इस देश रूपी जहाज को अपनी माताश्री से थोड़ा कम कुशलता से उड़ाया तथा अब उनकी भी अकस्मात म्रत्यु के बाद उनकी पत्नी (विदेशी कम स्वदेशी बहु ) बड़े ही सलीके +नफासत +नजाकत +अदावत से कयामत बरपाते हुए चला रही है …… आज तक किसी ने भी यह नहीं कहा की “नहीं , मैं इस देश में नहीं रहूँगा क्योंकि इसको एक महिला चला रही है ….. कुछेक प्रमोद अमोलकर जैसी मानसिकता वाले लोगों ने शुरू में थोडा बहुत हो हल्ला मचाया था लेकिन बाद में वोह भी पता नहीं किसी के समझाने पर समझे या फिर उनको वक्त की पड़ने वाली मार ने समझाया या फिर उनको उनके हालात और स्वार्थ ने ही समझा दिया ….
वोह सभी कैसे समझे ? , इस बात का तो आज तक पता नहीं चल सका है लेकिन सभी देशवासी रूपी यात्री इस महिला पायलट को अब एक काबिल पायलट मान चुके है ….. अरे भाई ! मानना ही पड़ेगा क्योंकि जब तक एक भी यात्री ‘अड़ा’ रहेगा यह देश रूपी जहाज ‘उड़’ नहीं सकेगा …..
इसी से मिलती जुलती एक और खबर के अनुसार पिछले एक साल में 42 पुरुष पायलटों को डयूटी पर मदमस्त हालत में पकड़े जाने पर नागरिक विमानन महानिदेशालय (डी.जी.सी.ए.) ने अपनी कड़ी चिंता जतलाई है ….. अब देखिये पुरुष शराबी हालत में भी प्लेन उड़ाये तो किसी भी यात्री को कोई परेशानी नहीं होती है ….. लेकिन अगर एक महिला पायलट अपने पूरे होशोहवास में पूरी जिम्मेवारी से प्लेन उड़ाये तो उसका सिर्फ एक नारी होना ही हंगामा होने का सबब बन जाता है ……
जहाँ तक मेरा व्यक्तिगत विचार है , मैं यह मानता हूँ की शायद ही किसी महिला पायलट की वजह से + उसकी लापरवाही से कोई बड़ी और भीषण दुर्घटना हवाई उड़ानों के इतिहास में हुई होगी ……
और पुरुष पायलट शराब पीकर प्लेन भला क्यों न उड़ाये ? , किसी को भी कोई ऐतराज नहीं होता है …… शराब पीकर तो जब जमीन वाला आदमी भी हवा में उड़ान भरने लगता है और उसको अपनी सधारण सी शक्ल सूरत वाली पत्नी कैटरिना कैफ समान नजर आती है तो पायलटों ने सोचा होगा की अगर आकाश में शराब पीकर उड़ा जाए तो फिर पता नहीं कौन से इस से भी ऊँचे आकाश में परवाज भरेंगे और फिर एयर होस्टेसे इनको स्वर्ग के राजा इंद्र के दरबार की परियों के समान दिखाई देंगी ….. और खुदा न खास्ता कल को अगर कोई दुर्घटना हो भी गई तो कौन सा अवशेष इस हालत में मिलेंगे की शव का परीक्षण करके अल्कोहल की मात्रा का पता लगाया जा सकेगा …… इसलिए जब तक जियो , प्यारो ! पीकर खुद तो ‘उड़ो’ ही दूसरों को भी ‘उड़ाओ’….. हम तो डूबेंगे सनम तुमको भी ले डूबेंगे …..
हमारे देश रूपी जहाज को चलाने वाले पायलट रूपी मंत्री और सांसदो के पास चाहे कोई योग्यता हो चाहे ना हो + वोह कितने ही शराबी ( भ्रष्टाचारी ) क्यों ना हो जब तलक पानी सिर के ऊपर से ना गुजर जाए हम इस सभी की आदि जनता जनार्दन को ना तो फर्क पड़ता है और न ही कोई भी तकलीफ होती है …… सभी इस कहावत को जानते है की “यह जो पब्लिक है यह सब कुछ जानती है” …… सिर्फ जान लेना इसका फर्ज + कर्तव्य बन गया है , लेकिन कुछ करने के लिए इनको अन्ना हजारे या फिर राजकमल चाहिए ……
आइये इस बार अपने ‘वोट रूपी ब्रह्मास्त्र’ का प्रयोग करते हुए हमारे प्यारे वतन रूपी जहाज को सिर्फ कुशल + जिम्मेवार + सदाचारी पायलटों के हवाले कर दे ….. फिर भले ही वोह पुरुष की बजाय कोई महिला ही क्यों न हो …. हमे इस बात से कोई सरोकार नहीं होना चाहिए की वोह किस दल से सम्बंधित है ……
आप इस बात की फिक्र बिलकुल ही मत करे की इस खिचड़ी रूपी भानुमती के पिटारे का मुखिया कौन होगा ….. यदि यह सभी अलग -२ दलों के जीते हुए प्रत्याशी (पायलट ) भी इस देश को न चला सके तो फिर धार्मिक ग्रंथो में सदियों पहले की गई भविष्यवाणी के अनुसार हमको सारे का सारा राज प्रबन्ध किन्नरों के हवाले कर देना चाहिए …..
शायद इसी से हमारे देश के लोकतंत्र और देश की गरिमा बहाल हो सके और हमारा देश रूपी जहाज नई नई “उंचाईयों” को छुए …..
जय भारत – जय हिंद
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