Menu
blogid : 1662 postid : 1397

“भ्राता राजकमल की शादी”

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
  • 202 Posts
  • 5655 Comments

कल आखिरी बार उसको हँसते हुए देखा था मैंने क्योंकि मैं जानता था कि आने वाले कल को इसकी हंसी सिर्फ ख्वाबों और इतिहास की किताबों में ही दिखलाई पड़ेगी …. अचानक हुए इस एक “हादसे” ने उस बेचारे की पूरी की पूरी जिंदगी ही बदल कर रख दी थी , कल तक जो दूसरों को हंसाता था आज खुद ही खुद से और अपनी जिंदगी से बेज़ार था ….. उसकी इस गंभीरता की कहानी मैं आपको शुरू से सुनाता हूँ :-
पहले तो राजकमल के दिल का चैन उस नाजनीना के दो मस्त -२ नैयनो ने चुरा लिया ….. वोह देखने में कोई इतनी हसीन भी नहीं थी , लेकिन कहते है ना की की जब दिल आ जाए “गधी” पे तो फिर “हूर” भी क्या चीज है ? ….. और यह बात भी जगजाहिर है की असली हुस्न तो देखने वाले की आँखों में होता है ….. शायद इसीलिए मजनू को सांवली सलोनी लैला में भी दुनिया की सब से हसीन हूर परी नजर दिखाई देती थी …..
जब शादी के लिए उस हुस्नबानो का, उसके बाप से (उस लैला का ) हाथ मांगने के लिए राजकमल गया तो ससुरे ससुर जी ने कहा की “देखो बेटा ! मैं तुमको दहेज में ज्यादा कुछ तो नहीं दे सकूंगा , क्योंकि जिस बाप ने अपनी बेटी यानि की अपने जिगर का टुकड़ा दे दिया समझो उसने अपना सब कुछ दे दिया ….. मेरी बेटी ने अपने बलबूते पर जो थोड़ा बहुत दहेज जुटाया है बस उसी से ही तुमको काम चलाना पड़ेगा” …. राजकमल ने कहा कि “सर ! जरा खुल कर बताइए” ….. तब ससुर जी बोले कि “बेटा मेरी बेटी के दो छोटे -२ जुड़वाँ बच्चे है जोकि वोह दहेज में अपने साथ लेकर जायेगी” ….. राजकमल ने कहा कि “सर आपने अपनी होनहार बेटी का विवाह उसी “काबिल आदमी” से क्यों नहीं कर दिया” ….. ससुर जी बोले कि बेटा वोह बेचारा तो ठहरा समाजसेवक , वोह इस समय भी किसी जरूरतमंद को अपनी सेवाएं दे रहा होगा ….. जैसी तुम्हारी शक्लोसूरत और सेहत है उससे तो यही जाहिर होता है कि कोई आदमजात तो क्या , तुमसे तो कोई चूहे का बच्चा भी पैदा नहीं होगा …. इसलिए तुम्हारी भलाई इसी में है की चुपचाप जो मिल रहा है उसको स्वीकार करके अपना भविष्य बना लो” ……
खैर राजकमल जी अपनी होने वाली छमकछल्लो संग शादी के लिए शापिंग करने निकले …. जब लिपस्टिक लेने की बारी आई तो राजकमल जी अड़ गए कि फला कम्पनी की लिपस्टिक ही खरीदनी है …. दुकानदार बीच में ही बोल उठा की “भाई साहिब ! लगानी तो बहिन जी को है , आखिर आपको इसमें दिक्कत क्या है? ….. राजकमल जी बोले की “लगानी चाहे इसने है तो क्या ? , लेकिन उसको चट तो मैंने ही करना है इसलिए लिपस्टिक मेरी पसंद की ही होनी चाहिए” …..
शादी के दिन राजकमल की जेब में उसकी नटखट सालियों कम आधी घरवालियो ने चुपके से कुछ पूरिया में डाल दी ….. जब राजकमल जी को काफी देर तक किसी ने भी खाने के लिए नहीं पूछा तो वोह मरदूद लगा हो- हल्ला मचाने ….. तभी उसकी प्यारी सालिया कम आधी घरवालिया आगे आई और उसकी जेब से पूरिया निकाल कर सबके सामने रखते हुए कहने लगी की “जीजा जी ! आप नाहक ही इतना शोर मचा रहे है …. आपने खाना तो खाया ही है , उसके बाद साथ में ले जाने के लिए जेबे भी भर ली है” ….. तब हमारे हाजिरजवाब राजकमल जी बोले कि “यह पूरिया तो मेरी मां ने चलते समय साथ में बांध दी थी कि बेटा अगर तुम्हारे भूखे नंगे ससुरालवालों ने खाने के लिए कुछ नहीं दिया तो इसको खा कर अपनी भूख मिटा लेना और साथ में मेरी होने वाली बहु को भी खिला देना” …..
सुहागरात को राजकमल जी ने कमरे के अंदर आकर झट से कुण्डी लगाईं , दूध पिया और बत्ती गुल कर अपनी पत्नी के बगलगीर हो लिए ….. वोह नव ब्याहता बिफरी सांडनी की तरह से फुँफकारती हुई बोली की “तुम्हारे खानदान में क्या यही रिवाज है , घंटो से यहाँ पर भूखी और प्यासी बैठी हूँ …. किसी ने पानी का एक घूंट तक नहीं पूछा है …. और खुद तो तुमने आते ही दूध से लबालब भरा हुआ लौटा गटक लिया है” ….. राजकमल जी बोले की माना कि मैंने “प्रेम –रोग” के राजिंदर नाथ की तरह से लौटा भर कर दूध पिया है लेकिन तुम भी तो पद्मिनी कोल्हापुरे की तरह से नखरे दिखला रही हो ….. मैंने तो अभी तुमको गाना भी सुनाना है …. वोह बोली कि पहले पीना और खाना बाद में बजाना और गाना ….. खाना खाने के बाद वोह बोली कि अब मुझसे मीठी -२ बाते करो …. अच्छा एक बात बताओ कि तुम मुझ से बत्ती गुल करके ही बाते क्यों करते हो , राजकमल जी बोले कि बात दरअसल ऐसी है कि बिल्लो रानी (ए काली बिल्ली ) उजाले में मैं तुम्हारे हुस्न की चकाचोंध सहन नहीं कर पाऊंगा …. इसलिए आज से मैं तुम्हारे संग अँधेरे में ही मुकेश और लता जी का यह यह युगल गीत गाऊंगा “हम दोनों मिल के कागज के दिल पे चिट्ठी लिखेंगे जवाब आएगा”
दोस्तों हमारे राजकमल जी तो हर साल एक नई चिट्ठी लिख रहे है और जवाब भी पा रहे है , लेकिन आप अपनी टिप्पणी कब लिखेंगे ?….
धन्यवाद सहित
आप सभी का अपनी भाभी सहित आभारी
पत्नी पीड़ित राजकमल शर्मा का इक दोस्त
अबोध बालक

(“भ्राता राजकमल की शादी” )
डाक्टर राजकमल के राजकमलिया नुस्खे :-
*अगर गीले कपड़ो के कारण इन्फेक्शन हो जाए तो TIGBODERM टियूब का इस्तेमाल करे ….
*अगर पैरों की उंगलियों के बीच में इन्फेक्शन हो जाए तो CANTOP – B टियूब का इस्तेमाल करे……
*अगर हेयरलाइन क्रैक हो या फिर पसलियों में सूजन + किसी पुरानी चोट में सर्दी के मौसम में दर्द होता हो तो ARFLUR –3D TABLETS और BECADEXAMIN CAPSULES का इस्तेमाल करे
(पहले इस्तेमाल करे –फ़ीस (कमेन्ट ) आराम आने के बाद …… लेकिन अगर आराम आने के बाद भी फ़ीस नहीं चुकाई तो दुबारा से तकलीफ भी आ सकती है
)

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh