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“प्रधानमंत्री की साफ़- सफाई -भाग दो”

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
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फिल्म जहांआरा का लता जी का गाया हुआ बड़ा ही मकबूल गाना है कि :-
“वोह चुप रहे तो मेरे दिल के दाग जलते है
जो बात कर ले तो बुझते चिराग जलते है”
एक हमारे जहाँपनाह है की
उनके चुप रहने पे गर सवाल थे तो बोलने पे भी ढेरों बवाल है ….
मेरे प्यारे भाईओ और बहनों ….. जय हिन्द !
पिछली बार हमारे पी.ऐ. राजकमल द्वारा दी गई सफाई को आप सभी जनता जनार्दन ने बेहद पसन्द किया था ….. इसी वजह से हमने इस बार भी साफ़- सफाई का जिम्मा राजकमल जी को ही सोंपा है ……
“यह हमारी प्राचीन परम्परा है की जिसने आपको बनाया है उसका एहसान जीते जी कभी सपने में भी मत भूलो ….. बनने वाला कभी भी खुद को बनाने वाले से बड़ा नहीं हो सकता है ….. बस हम भी इसी परम्परा का पालन कर रहे है ….. हमारे पूर्व दिंवगत राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह जी इस मामले में हमारे आदर्श है और हम उनके द्वारा स्थापित परम्पराओं का कुछ इस कद्र पालन करते हुए उनको पुख्ता करते जा रहे है की कल को अगर कोई दूसरा सिख नेता इस देश को मिले तो उसको जब भी रहनुमाई की जरूरत हो तो उसको किसी के मुँह की तरफ ना देखना पड़े बल्कि इसकी बजाय वोह हम दोनों का इतिहास उठा कर देख ले और मार्गदर्शन ले लिया करे ……
और जहाँ तक दिमाग का इस्तेमाल करने की बात है तो हमको हमेशा इस बात का डर सताता रहता है की हमारी म्रत्यु के बाद अगर परमेश्वर ने यह पूछ लिया की “सरदार जी तुम्हारे दिमाग का बाकी का हिस्सा कहाँ है” ….. तो उनको हम क्या जवाब देंगे की प्रभु हमने अपने दिमाग का बाकी हिस्सा तो इस्तेमाल करके खर्च कर लिया है”
आप सभी लोग हमको एक पार्टी का नेता होने के कारण पूरे देश की बजाय सिर्फ एक पार्टी का ही प्रधानमंत्री समझते और मानते आये है ….. लेकिन हमने परमाणु सौदे के वक्त ना केवल इस देश की जनता को बल्कि पूरी दुनिया को दिखा दिया था की हमारे लिए पार्टी हितों से कहीं उपर बढ़ चढ़ कर देश हित मायने रखते है ….
हम इस लोकोक्ति में पूर्ण विश्वाश रखते है की “जहाँ पर नारी की पूजा होती है वहां पर देवता निवास करते है” …. हमारे इसी विश्वाश और आस्था का परिणाम है की ना केवल हमारे घर में देवता निवास करते है बल्कि हमारे आफिस तथा पार्टी में भी देवता निवास करते है ….
हमको एक बहुत ही पहुंचे हुए साधू महाराज ने एक बार एक पर्ची रूपी मन्त्र अपने पावन हाथों से लिख कर दिया था की “बच्चा जब भी कोई मुसीबत आये तो इसको खोल कर देख लेना” …… अब जब भी हमारे देश पर कोई भी समस्या आती है तो हम उन साधू महाराज द्वारा प्रदत्त उस महामंत्र को खोल कर देखते है जिसमे लिखा है कि :-
“यह वक्त भी आखिरकार गुजर ही जाएगा”
बस कुछ इसी प्रकार से हमारे दिन गुजर रहे है …. वैसे इस मामले में हमारे आदर्श हमारे पूर्ववर्ती सम्राट नरसिम्हा राव जी भी है जिनको की उनकी कुछ इसी प्रकार की खासियत “इंतज़ार करो और बस देखते ही रहो” के कारण ‘मौनी बाबा’ भी कहा जाता था …..
हमारा देश एक शांतिप्रिय देश है जोकि विकासशील से विकसित होने की तरफ बड़ी ही तेजी से (महंगाई से भी ज्यादा तेजी से ) आगे ही आगे की तरफ बढ़ता जा रहा है ….. हम इस बात को भली भांति जानते है की आप हमको हर समय एक्शन में देखना चाहते है …. उसके लिए जब भी जरूरत पड़ती है हम गर्मागर्म बयान दागा करते है ….. लेकिन हम इस बात को भी भली भांति जानते है की विकास सिर्फ शान्ति के माहौल में ही हो सकता है , इसलिए हम कभी भी एक्शन लेते नहीं है ……
भ्रष्टाचार इस देश की राष्ट्रीय समस्या ही नहीं बल्कि एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या है …… आप सभी जानते है भ्रष्टाचारीयों में हमारे मुल्क का अव्वल दर्जा और सम्मानजनक रुतबा है …. आप अगर किसी ऐसे नशेड़ी की नशे की लत को छुड़ाना चाहते है जिसकी हड्डियो में नशा समाया हुआ हो तो आप क्या करोगे ?….. अगर आप समझदार है तो उसकी मात्रा को कम करते हुए धीरे -२ उसको उस नशे की लत से छुटकारा दिलवा देंगे ….. लेकिन आप अगर अन्ना हजारे जी की तरह अविवेकशील और अदूरदर्शी होंगे तो आप उसको एक दम से नशे से बिलकुल ही महरूम करके मौत के मुँह में धकेल देंगे ….. इसलिए इस मामले मैं आप सभी से धैर्य रखते हुए सरकारी लोकपाल बिल पर भरौसा रखने की गुजारिश करता हूँ और आप सभी से यह वादा करता हूँ की आने वाले पचास सालों में हम इस देश से भ्रष्टाचार का ना केवल नामोनिशान मिटा देंगे .बल्कि उसका जड़ से समूल नाश कर देंगे ……
और जहाँ तक महंगाई की समस्या की बात है हम और साथ में इस देश का विपक्ष भी इस बात को भली भांति जानता है की अगर वोह खुद सत्ता में होते तो उनको भी मजबूरी में कमोबेश कुछ इसी तरह के कदम ही उठाने पड़ते …. यही कारण है की हमारे द्वारा मजबूरी में उठाये गए किसी भी इस प्रकार के कदम का वोह पुरजोर विरोध नहीं है करते …… क्योंकि पहले वोह हमेशा से विपक्ष में ही रहते रहे थे तो उनको सरकार की मजबूरियां तथा परेशानियां मालूम नहीं थी इसलिए वोह सरकारी कदमो का विरोध किया करते थे …… लेकिन अब की बात दूसरी है , इस बार उन्होंने भी सत्ता का स्वाद चखा हुआ है इसलिए वोह सारे हालात को समझते हुए हमे अपना भरपूर सहयोग देते है तथा केवल खाली बयानबाजी तथा थोड़ी बहुत नौटंकीबाजी कर लेते है ….. जनता चाहे उपर से हमे कुछ भी समझे आखिर अंदर से तो हम है सभी मौसेरे भाई ……
उम्मीद करता हूँ की आप सभी मेरे द्वारा दी गई साफ़ सफाई से पूर्णता संतुष्ट हो गए होंगे ….. इसलिए मैं आप सभी से यह अपेक्षा करता हूँ की आप सभी देशवासी भी सरकार को विपक्ष की तरह से सहयोग देंगे …..
जय हिन्द ! जय हिन्द !! जय हिन्द !!!
एक मजबूत (मजबूर) प्रधानमंत्री
राजकमल सिंह

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