Menu
blogid : 1662 postid : 1286

“बचना ऐ हसीनो ! लो मैं आ गया”

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
  • 202 Posts
  • 5655 Comments

अक्सर मैं और मेरी प्यारी तन्हाई के दुश्मन मेरे दोस्त और संगी साथी बलात्कार के मामले पर गर्मागर्म बहस किया करते है …. वोह सभी एक तरफ तो मैं बेचारा अकेला दूसरी तरफ हुआ करता हूँ ….

                         उनका हमेशा ही यह कहना होता है की बलात्कार ज्यादातर केसों में मर्जीकार होता है ….. जब कोई तीसरा उन दोनों  के “दर्शन और दीदार” उस खास हालत में कर लेता है तो लड़की अपनी इज्जत को बचाने के लिए लड़के पर जबरदस्ती का आरोप लगा देती है तथा खुद को पाक साफ़ दिखाने के लिए चीखती और  चिल्लाती है तथा अपने हिस्से का अपराध भी उस बेचारे लड़के की झोली में ज़बरदस्ती से डाल देती है …. उनका यह भी कहना होता है की किसी भी लड़की की मर्जी के बिना उससे बलात्कार करना लगभग नामुमकिन है ….. जबकि मेरा कहना और मानना होता है की अगर लड़की राज़ी न हो तो भी उसकी मर्ज़ी के बिना भी उसका बलात्कार संभव है …….

                   अब अपनी इस बात को सही साबित करने के लिए मैंने सोचा है की मैं भी किसी योग्य और काबिल नारी का बलात्कार कर ही डालूं ….. लेकिन इस मामले में मेरे कुछेक असूल  तथा आदर्श है :-

  • मैं अपनी  उम्र के मुताबिक लड़की से  ही बलात्कार करूँगा  ….
  • बलात्कार के काबिल नारी से ही बलात्कार करूँगा न की किसी नाबालिग  +अबोध बालिका +नासमझ तथा न ही किसी अधेड़ तथा बजुर्ग महिला से …
  • मेरा मकसद सिर्फ और सिर्फ एक नया तजुर्बा हासिल करना है , इसलिए मैं बाद में उस पीड़िता से शादी करने का भी इच्छुक हूँ …..
  • लेकिन शादी के वक्त अपनी “उस वक्त” की पहचान को छुपा कर , समाज सेवा + एक पतिता का उद्धार का बहाना बना कर सारी उम्र उसको अपनी जूती के नीचे दबा कर रखूँगा …..
  • अपने खुद के ही बच्चे को किसी और का पाप कह कर सारी उम्र अपनी पत्नी को ताने दे कर उसके मन तथा आत्मा को छलनी तथा लहुलुहान करता रहूँगा ….
  • क्योंकि मैं इस महान देश का एक जिम्मेदार नागरिक हूँ इसलिए  मैं कभी भी गैंगरेप नहीं करूँगा …. अरे भाई कल को कौन डी,एन.ऐ .टेस्ट के झंझट में पड़ता फिरे …..
  • हमारा यह मानना है की जो भी काम करो पूरी इमानदारी तथा पूरी जिम्मेदारी से सिर्फ अपने ही बलबूते पर करो  ….. और फिर असली मर्द तो वोही होता है जोकि एक अकेला ही चार साथियों के बराबर अकेला ही काम करे…..

                       यहाँ तक तो सब कुछ ठीक है , लेकिन इसके इलावा भी मेरे मन में कुछेक पवित्र विचार उठा करते है …. मुझे यह देख और सुन कर बहुत ही दुःख पहुँचता है तथा मन को ठेस भी लगती है जब यह खबर आती है कि  :-

                “रंगरलिया मनाते प्रेमी जोड़े काबू” + या फिर “रंगरलिया मनाने की तैयारी करते दो महिलाए तथा चार पुरुष धरे गए”

  •                     क्या जमाना आ  गया है ? …. आखिर हमारी पुलिस को हो क्या गया है ? ….. जब यह चौरी -चकारी +लूट –डकैती + राहजनी + बम्ब ब्लास्ट +बलात्कार के मामलो में हमेशा ही बाद में पहुँचती है तो फिर इस तरह के मामलो  में  क्यों यह स्कार्टलैंड यार्ड की पुलिस की तरह  समय से पहले पहुँच कर किसी का इतनी मेहनत और जतन से बना बनाया खेल बिगाड़ दिया करती है ? …. क्यों यह रंग में भंग डाल  दिया करती है ? …..

                          यकीं मानिए की अगर मैं पुलिस आफिसर होता तो बड़ी ही शराफत से पूछता की (बहिन जी +भाई साहिब ) हम और  कितनी देर आपका बाहर इंतज़ार करे …. लेकिन यह मरदूद पुलिस वाले ! पता नहीं इनको किसी को उस खास हालत में देख कर क्या हासिल होता है ? ….. कोई इनके सामने शर्मिंदा हो तो शायद इनका अहम तुष्ट होता है ….. लेकिन हम जनता-जनार्दन  ने आखिर इनका  क्या बिगाड़ा है …. हमे इस अनोखे अनुभव से वंचित करके आखिर किस अपराध की सजा प्रदान की  जाती है  …. सुबह के अखबार में जब हम यह गोल – मोल खबर पढते है की शहर के नामी गिरामी रईसों के साहिबजादे और  साहिबजादिया आपतिजनक हालत में गिरफ्तार और फिर उपरी दबाव पढ़ने पर बाइज्जत रिहा तो खुद को ठगा हुआ सा तथा लुटा पीटा  महसूस करते है ….

                              अब तो आप दुआ कीजिये कि मैं जिस मिशन पर निकलने वाला हूँ उसमे शत प्रतिशत सफल ही होऊ ….. ताकि मेरी अपने दोस्तों के सामने इज्जत बनी रहे तथा मैं अपनी इस बात को सही साबित कर पाऊं की बलात्कार वास्तव में ही बलात्कार ही होता है ना की  मर्जिकार …..

                                      एक असली मर्द

                                भविष्य का मर्जिकारी कम बलात्कारी

                                       राजकमल शर्मा

                            ( “बचना ऐ हसीनो ! लो मैं आ गया” )

राजकमलिया टिप्स :-

*अगर आपकी आँखों में कम्प्युटर पर ज्यादा देर तक काम करने से कोई दिक्कत है तो आप किसी भी कम्पनी के ठन्डे तेल को उंगलियो के पोरों पर लगा कर अपनी पलकों के उपर तथा नीचे कुछ इस तरह की कोशिश करते हुए लगाए की उसकी कुछेक मात्रा आँखों में चली जाए

*अगर कम्प्यूटर पर काम करते हुए आपकी बाजु में दर्द होता है तो हमेशा इस बात का ध्यान रखे की आपकी कोहनी तक का बाजू का ज्यादातर हिस्सा काम करते वक्त हमेशा ही मेज को छूता रहे

 

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh