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“कभी भी भूले से भी मत करना मेरी तरह किसी महिला ब्लोगर से शादी”

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
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दोस्तों  अपनी जिंदगी में जो सबसे बड़ी गलती मैंने कर ली है उसका परिणाम भी अब मैं ही भुगत रहा हूँ ….. आज मैं आप सभी को अपनी व्यथा इसलिए सुना रहा हूँ ताकि आप मेरी जिंदगी के इस वाकये से सबक लेकर अव्वल तो ऐसी कोई गलती न करे और अगर भूले से कर ही ली है तो उसको समय रहते सुधार ले , इसीमे आपकी भलाई है ……

                             अपनी शादी की बात चलने पर जब हमने एक प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी की मार्फत लड़की के चालचलन  के बारे में पता करवाया तो हमको उनकी उस रिपोर्ट से बहुत ही राहत मिली जिसमे  बताया गया था की हमारी  होने वाली शरीकेहयात सिर्फ अपने काम से काम रखती है + सारा दिन अपने कमरे में ही बंद रहती है + और किसी मजनू  की तरफ खुली आँखों से देखना तो दूर की बात है  बल्कि बंद आँखों में  भी किसी लड़के को अपने तस्सुवर में नहीं लाती है  ….. हमने अपनी किस्मत पे इतराते हुए फौरन से पेशतर शादी की रज़ामंदी देते हुए चट से मंगनी और पट से ब्याह करते हुए उस छम्मक्छल्लो को अपनी जीवनसंगिनी बना लिया …….

               लेकिन हमारी रातों की नींद और दिन का चैन तब पंख लगा कर न जाने कहाँ उड़ गया जब हमने देखा  की वोह कमबख्त सारा -२ दिन और सारी -२ रात कम्प्यूटर पर ब्लागिंग करती रहती है …… चूल्हे पर सब्जी जल जाती  है , दूध अपने पूरे  उफान पर आकर भगौने के बाहर ओवरफ्लो होकर बहता रहता है लेकिन उस महारानी का सारा ध्यान सिर्फ और सिर्फ मुई ब्लागिंग पर ही केंद्रित रहता है ….. हमने एक दिन उसकी इस दिन और रात्रि चर्या से बेहद  तंग आकर आखिरकार उस महारानी से पूछ ही लिया की जानेमन ! तुम पिछले दो घंटो से बिना किसी मतलब के कम्प्यूटर खोल कर किस लिए बैठी हो ? ….. उसका जवाब सुन कर तो हमारे तनबदन में आग ही लग गई जब उसने अपने श्री मुख से कहा की  आज राजकमल का नया ब्लॉग आने वाला है …. हमने कहा की  तुमको कैसे पता कि आज उसका नया ब्लॉग आएगा ही आएगा ….. वोह नामुराद बोली की  शायद आप नहीं जानते की  उस कुत्ती चीज को हर तीसरे दिन एक नया ब्लॉग लिख कर पोस्ट करने की खुजली हुआ करती है …. मैंने कहा कि पहले तुम उसका ब्लॉग पढ़ोगी , फिर उसके ब्लॉग पर अपनी कीमती टिप्पणी लिखोगी और बाद में वोह मनहूस  तुम्हारे  ब्लाग पर अपनी टिप्पणी करेगा ….. वोह बोली कि हम लोग उसका ब्लॉग सिर्फ मनोरंजन के लिए पढ़ते है , उस पर टिप्पणी करना हमारे लिए कतई  जरूरी नहीं है ….. हमने हैरान होकर पूछ ही लिया कि जब तुम लोग उसके ब्लॉग पर टिप्पणी नहीं करते हो  तो फिर तो वोह नामुराद भी तुम लोगो के ब्लॉग पर अपनी टिप्पणी नहीं करता होगा ….. वोह बोली की  बात दरसल यह है कि राजकमल बहुत ही एडवांस (बिंदास) लिखता है इसलिए हम कभी -२ उसके किसी – किसी हद तक औसत +सार्थक ब्लॉग पर अपनी टिप्पणी कर देते  है , और वोह बदले में हमारे हरेक ब्लॉग पर अपनी प्रतिकिर्या देता रहता है ….. वैसे भी वोह एक महीने में दस के करीब ब्लॉग लिख मारता है , हरेक पर अपनी प्रतिकिर्या देना हमारे लिए जरूरी भी नहीं और न ही यह हमारी इमेज के लिए ठीक है , इसलिए कभी कभार हम भी खानापूरी कर देते  है …… हमने कहा की की उस दिन तुम ही तो बता रही थी की यहाँ पर तू मुझे खुजा बदले में मैं तुझको खुजलाऊं वाला अघोषित नियम चलता है , फिर तुम लोग उसका पालन राजकमल के मामले में क्यों नहीं करते हो ? ….. वैसे तो तुम हर ऐरे गैरे के ब्लॉग पर पहुँच जाती हो यह कहते हुए की पहला कमेन्ट मेरा , लेकिन राजकमल की बारी तुमको सांप क्यों सूंघ जाता है  ?….. वोह बोली की हमारा और उसका क्या मुकाबला , कहाँ हम राजा भोज और कहाँ वोह गंगू तेली ….. मैं बोला की जरा खुल कर समझाओ की तुम क्या कहना चाहती हो ….. तब उसने फरमाया की हम लोग तो देश और समाज को बदलने वाला लिखती है …… मैंने भी आखिर पूछ ही लिया की आज तक तुम लोगो के इतना सब लिखने से क्या -२ और कितना कुछ बदल गया है ? ….. जबकि तुम ही मुझको समय समय पर बताती रहती हो की सिर्फ राजकमल के कारण ही जागरण पर कितना कुछ बदला है + सुधार हुआ है ….. कई नियम बदले तो कई प्रतियोगिताएं भी सभी के लिए अलग -२ और इकट्ठी शुरू हुई …… हमने कहा की तुम देश और समाज की फ़िक्र को छोडो  और मेरी (अपने पति परमेश्वर की ) + परिवार में नहीं हो रही बढ़ोतरी की फ़िक्र करो बस ……..

                          हमने कहा कि जब वोह इतना खराब लिखता है तो तुम लोग उसकी शिकायत जागरण वालों से क्यों नहीं करते हो …… श्रीमती जी बोली कि वोह बेचारे तो खुद उससे परेशान है , हरामी उनसे ऐसे -२ अजीब + बेतुके + बिना सिर  पैर के सवाल पूछता रहता है कि उनकी तो खुद की  हालत सांप के मुंह में छछूंदर वाली बनी रहती है …..  मैंने हैरान और परेशान होकर पूछा कि जब तुम सभी लोग उससे परेशान हो , जागरण वाले भी उससे दुखी है तो फिर वोह उसका कोई इलाज़ क्यों नहीं करते , आखिर उनकी भी तो नज़र सभी पर हर समय बराबर लगी रहती है …… वोह बोली कि उसका भी उन्होंने एक अनोखा मगर कारगर इलाज सोच लिया है , अब वोह उसका कोई भी ब्लॉग फीचर्ड नहीं करते है ……

                     मैंने पूछा कि तब वोह बेशर्म इस मंच पर आखिर कर क्या रहा है ? वोह बोली कि ऐसा लगता है कि शायद वोह कोई मोहिनी विद्या जानता है , उसने अपनी लच्छेदार बातो से अपने बहुत से चेले चपटे बना लिए है जोकि उसको बिना बात ही हरदम चने के झाड़ पर चढ़ाए रहते है …… मैंने कहा कि तुम लोग उनकी आँखों पर पड़ी पट्टी हटाने  की  कोशिश क्यों नहीं करते हो ….. वोह बोली कि हमे क्या पड़ी है किसी फालतू के पंगे में पड़ने की  , उस बदतमीज का क्या भरौसा कब किसी को कुछ भी  कह दे …… हम लोग तो बस चुपचाप उसके ब्लॉग पढ़ते है और मजे लेते रहते है …..

                            मैंने कहा कि अच्छा अब अगर तुम्हारा राजकमल – पुराण खत्म हो गया हो तो दो घड़ी के लिए हमारे पहलू में आकर भी बैठो क्योंकि  न तो मैं दुशासन हूँ और ना ही तुम द्रोपदी हो ……  फिर आखिर हमसे इतनी क्यों है दूरी ? , बोलो आखिरकार तुम्हारी क्या है मज़बूरी …..  वोह बोली कि अभी मैंने अपने ब्लॉग पर आई हुई टिप्पणियों का जवाब देना है , और उसके बाद फिर उन सभी के खुद के ब्लागों पर जाकर उनके लेखो को पढ़ कर उन पर अपना जवाब भी देना है …… मुझको इस सबमे काफ़ी देर हो जायेगी , तुम सो जाओ शुभ रात्रि +  हैव स्वीट ड्रीम्स …..

                 मैं सोचने लगा की हमारी शादी को तीन  साल के उपर हो गए है अभी तक हमारे घर आंगन में एक अदद बच्चे की किलकारी नहीं गूंजी है ….. शादी से पहले तो इसके सपने देखा ही करता था लेकिन अब यह कमबख्त शादी के बाद भी कह रही है की मेरे सपने ही देखो ….. मुझको तो ऐसा लगता है की जागरण जंक्शन वालो की सरकार से कोई अंदरखाते  सांठगांठ है , यह दोनों मिलकर धीरे धीरे देश की सभी पढ़ी लिखी महिलाओं को पहले  तो जागरण जंक्शन की ब्लागर बनवा लेंगे ….. और फिर उनके पतियों की मेरी तरह से जो उपर्लिखित हालत होगी उसके परिणामस्वरूप देश की आबादी कभी भी न बढ़ने पाएगी ….. इसलिए मैं तो यही कहता  हूँ की राजकमल पर प्रतिबन्ध लगाना  समस्याओं का हल नहीं है बल्कि ब्लागिंग पर प्रतिबन्ध लगाना ही ब्लागरों की जिंदगी में खुशहाली लाने का एक मात्र रास्ता  है ……

                              एक ब्लागर पत्नी से पीड़ित पति

                                   राजकमल शर्मा  

नोट :-

*मैंने अक्सर ही बहुत देर रात गए तक महिला ब्लागरों को यहाँ पर ब्लागिंग करते हुए देखा है …… मुझे उनकी टिप्पणियाँ प्राप्त करके बिलकुल ही खुशी नहीं हुई , बल्कि इसकी बजाय मैन उनके घर परिवार के बारे में सोचने लग गया , जिसका नतीजा इस लेख के रूप में सामने आया है …..

(“कभी भी भूले से भी मत करना मेरी तरह किसी महिला ब्लोगर से शादी”)

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