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“Salty- Coffee” – “नमक वाली काफ़ी”

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
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Salty Coffee

उन दोनों की  ही मुलाकात उस पार्टी में हुई थी  ….. वोह लड़की देखने में बहुत ही असाधारण थी , एकदम सबसे अलग ….. पार्टी में जितने भी मर्द थे , सभी की नजरों का आकर्षण  वोह लड़की बन चुकी थी ….. लेकिन वोह इन सब सब बातो से बेखबर थी , वोह खुद में ही खोई हुई अपने ही ख्यालों में गुम  थी ….. ऐसा लग रहा था की उसको किसी की भी परवाह  ही नहीं है  …..इसके विपरीत उस साधारण से चेहरे मोहरे वाले लड़के की तरफ कोई भी ध्यान नहीं दे रहा था …..उस पार्टी के खत्म होने के बाद उस लड़के ने अपने भीतर की  समस्त हिम्मत जुटा कर उस लड़की को अपने साथ चल कर काफ़ी हाउस में काफी पीने  का निमंत्रण दिया ….. पहले पहल तो वोह  लड़की इस प्रस्ताव को पाकर हैरान हुई , लेकिन आशा के विपरीत उसने अपनी स्वभावगत दयालुता + विनम्रता तथा सभ्यता को प्रदर्शित करते हुए उसने साथ -२ काफी पीने के  प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया ….

थोड़ी देर के बाद ही  वोह दोनों एक सुन्दर और सुरुचिपूर्ण ढंग से सजे हुए काफ़ीहाउस में पहुंच कर एक कोने में बैठे हुए थे …… वोह लड़का उस लड़की से चाहकर भी कोई बात करने में खुद को असमर्थ पा रहा था …… शायद इसीलिए वातावरण में पसर चुकी नागवार ख़ामोशी के कारण वोह लड़की खुद को बहुत ही असहज सिथति में पाते हुए झिझक  रही थी …. वोह अपने मन ही मन में इस हद तक सोचने लगी थी की वोह अभी उठे और लड़के से कहे की “अच्छा , अब आप मुझको किरपा करके घर अपने जाने की इजाजत दे दीजिए” ….. लेकिन तभी अचानक उस लड़के ने एक अजीब सी हरकत करते हुए वातावरण में छाई हुई उस अजब सी खामौशी  को  भंग किया …… उसने वेटर से कहा की “क्या आप  मुझको थोड़ा सा नमक लाकर दे सकते हो ?, मैं इसको अपनी काफ़ी में डालना चाहता हूँ” …….

अब उन दोनों के आस पास की  मेजों पर बैठे हुए लोग उस लड़के को कुछ अजीब सी नजरों से देखने  लग गए  थे …… उन सबको इकट्ठा अपनी तरफ  इस तरह से ताकने पर वोह लड़का खुद को इस हद तक असहज महसूस कर रहा था की शर्म के मारे उसका चेहरा लाल पड़  गया था , लेकिन फिर भी उसने किसी की भी परवाह न करते हुए उस सारे नमक को अपनी काफ़ी के प्याले में डाल  लिया और बड़े ही मज़े से उस काफ़ी को प्रेम प्याले की तरह चुस्कियां लेते हुए गटकता  ही चला  गया …..
आखिरकार  उस लड़की ने बड़े ही अचरज से उसकी तरफ देखते हुए जिज्ञासावश पूछा ही लिया कि “यह नमक वाली काफ़ी पीने  की आदत तुमको कैसे और  कब से पड़  गयी ?” ….. लड़के ने जवाब में कहा की “जब मैं छोटा बच्चा था तो हम समुन्द्र के किनारे रहा करते थे ……  मुझको समुंदर की अठखेलिया करती हुई लहरों संग खेलना बहुत ही भाता था …… मुझको सागर के खारे पानी  का स्वाद,  बिलकुल नमक वाली काफ़ी की तरह ही महसूस होता था , यहाँ तक कि अब भी मेरे होंठो पर समुंदर के उस नमकीन पानी का स्वाद मोजूद है  ……  इस लिए अब जितनी बार भी मैं नमक वाली काफ़ी पीता  हूँ तो इसकी चुस्किया लेते हुए मैं इसके स्वाद में इस कद्र खो जाता हूँ की मुझको अपने बचपन के वोह समुंदर के किनारे , समुंदर की लहरों के संग बिताए हुए सुनहरे दिन फिर से याद आ जाते है , और मैं अपने बचपन की उन सुनहरी यादों की लहरों पर सवार होकर अपने ग्रह नगर  वापिस पहुँच जाया करता हूँ …… मुझे अपना वोह ग्रहनगर बहुत ही याद आता है , इसके साथ ही मुझको अभी भी वहां पर रहने वाले मेरे माता-पिता भी बेहद याद आया करते है” …..

इन सब पुरानी यादों को याद करते हुए जज्बातों में बहते  हुए उस लड़के की   आँखे नम हो गई  थी , तथा वोह लड़की भी उसकी यादों को सुन कर भावुक हो उठी थी  ….. यह उस लड़के की सच्ची भावनाएं ही थी जोकि उस  लड़की के दिल पर कहीं गहरे तक असर कर गई थी  ….. वोह सोच रही थी की इसको अपने घर की इतनी याद सता रही है ….. उस लड़के के बारे में उसके विचार थे की “जो लड़का अपने घर की सता रही यादों के बारे में बता सकता है …. वोह ऐसा आदमी है जोकि अपने घर से प्रेम करता है , अपने घर के बारे में सोचता है तथा अपने घर के प्रति  अपनी जिम्मावारियो को समझता तथा महसूस करता है” ….

इतना मन में विचार कर लेने के बाद उस लड़की की जुबान पर पड़ा संकोच का ताला भी खुल गया और उसने उस लड़के से बातचीत करना शुरू कर दिया …..  उसने लड़के को बताया वोह भी अपने घर से बहुत ही दूर रह रही है , उसने अपने बचपन के दिनों तथा घर परिवार की यादों को उसके संग सांझा किया कि किस प्रकार उसे भी अपना बचपन और अपना परिवार बेहद याद आता है …… इस तरह से उनमे वास्तव में बेझिझक बातचीत का एक ऐसा दौर शुरू हो गया  जोकि उनकी सुन्दरतम प्रेम कहानी की बेहतरीन शुरुआत कहा जा सकता है …..

अब तो उनमे अक्सर ही मुलाकातें होने लगी ….  उस लड़की ने इस बात को बड़ी ही शिद्दत से महसूस किया की यही वोह लड़का है जिसके की उसने अपने मन के मंदिर में सपने सजोंये थे ….. यही वोह आदमी है जोकि उसकी हर तरह की जरूरतो को पूरा कर सकता है क्योंकि इसमें सहनशीलता + दयालुता है , इसका  व्यवहार गरिमामय है , तथा दूसरों का ध्यान रखने की योग्यता है ….. यही वोह भलामानुष लड़का है जिसकी  की वोह अपने मन में हमेशा ही चाह  किया करती थी …..

इसे उस “नमक वाली काफ़ी” की करामात ही कहा जाएगा जिसके कारण ही यह  प्रेम- कहानी उस मुकाम पर पहुंची जहाँ पर की अक्सर ही सफल प्रेम कहानियां पहुँच जाया करती है ….. इस प्रेम कहानी की राजकुमारी का उसके सपनो के राजकुमार से विवाह हो गया तथा वोह दोनों ही प्रेमपूर्वक सुख से रहने लग गए तथा बड़े ही मजे से उनके दिन बीतने लगे ….. और  उनकी शादी के बाद जब भी वोह अपने प्रियतम के लिए काफ़ी बनाती थी तो हर बार उसमे थोड़ा सा नमक डालना कभी भी नहीं भूलती थी , क्योंकि वोह जानती थी की उसको पति को वोह किस कारण से और क्यों पसंद है ……

और पुरे  – 40 –  चालीस साल के उनके सफल विवाहित जीवन के बाद उस आदमी का देहांत हो गया , तथा वोह अपने मरने के बाद अपनी पत्नी के नाम एक खत छोड़ गया  , जिसमे उसने लिखा था कि :-

“मेरे प्राणों से भी प्यारी प्रियतमा, किरपा करके मुझको माफ कर देना की मैंने अपनी सारी जिंदगी में तुमसे झूठ ही बोला, उस ‘नमक वाली काफ़ी’ के बारे में ……. जरा याद करो हमारी पहली मुलाक़ात का वोह दिन, मैं उस समय बेहद नर्वस था, वास्तव में मुझको उस समय थोड़ी सी चीनी की दरकार थी, लेकिन अपनी घबराहट की वजह से मैं चीनी कि बजाय नमक कह बैठा था ….. उस समय के हालात में मेरे लिए अपने कहे हुए उन अल्फाजो को बदलना नामुमकिन था , इसलिए मैंने उसी दिशा में उसी तरह आगे बढ़ना जारी रखा ….. मैंने कभी भी नहीं सोचा था की  हमारी आपसी बातचीत की शुरुआत कुछ उस प्रकार से होगी ….. अपनी बाद की जिंदगी में मैंने तुमको बहुत बार सच्चाई बताने की चेष्टा की लेकिन मैं ऐसा करने की कभी भी अपने भीतर हिम्मत नहीं जुटा पाया क्योंकि मैंने तुमसे पहले ही यह वादा किया था की मैंने तुमसे कभी भी न कोई झूठ बोला है और न ही आईन्दा  कभी  कोई झूठ बोलूँगा …… लेकिन अब जबकि  मेरी मौत मेरे नजदीक आती जा रही है इसलिए मुझे किसी भी चीज का खौफ  नहीं है यही कारण है की मैं तुमको यह सच्चाई बताने जा रहा हूँ …… असल में मुझको नमक वाली काफ़ी बिलकुल ही पसंद नहीं है  , उफ़ ! कितनी बदमज़ा और बेस्वाद होती है यह , सोच कर ही मन खराब हो जाता है …… लेकिन इसके बावजूद मुझको अपनी पूरी जिंदगी में नमक वाली काफ़ी ही मिलती रही है ….. जबसे मैंने तुमको जाना है + पाया है  , मुझको किसी भी बात के लिए अफ़सोस नहीं होगा जोकि मैंने तुम्हारे लिए की है ….. तुमको और तुम्हारे साथ को पाना मेरी पूरी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी है …..यदि मुझको दूसरी बार भी  यह जीवन जीने को मिल जाए तो मेरी चाहत तुमको ही पूरी जिंदगी के लिए अपनी पत्नी के रूप में पाने की   रहेगी , यहाँ तक की मैं हमेशा ही तुम्हारे हाथों  से बनी हुई  ‘नमक वाली काफ़ी’ ही पीना चाहूँगा” …..

उसके लरजते हुए हाथों में पकड़े हुए उस खत को उसकी आँखों से अविरल बह रही गंगा –जमुना ने पूरी तरह से भिगों दिया था  ….. फिर एक दिन किसी ने उससे पूछा कि :-

“नमक वाली काफी का स्वाद कैसा होता है ?”

उसका जवाब था :-

यह हद दर्जे की  मीठी होती है …..

{मुझको यह कहानी मेरी एक दोस्त जेना ने इंग्लिश में भेजी थी , जोकि उसके भेजे रूप में मैंने नीचे लिख दी है ….. अब आप ही फैसला कीजियेगा की मैं इसका अनुवाद करने में कितना सफल रहा हूँ …… अगर आप भी मेरी तरह इस कहानी को पढ़ कर रोने के बावजूद कुछ लिख पाए तो मुझसे जरूर सांझा कीजियेगा – इसके इलावा एक और कहानी मेरी रूह के करीब है जिसमे की पत्नी अपने बाल बेच कर पति के लिए तोहफा खरीदती है और पति अपनी बाल विहीन पत्नी के लिए सुनहरी कंघी खरीदता है …}
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He met her on a party. She was so outstanding, many guys chasing after her, while he was so normal, nobody paid attention to him.

At the end of the party, he invited her to have coffee with him, she was surprised, but due to being polite, she promised.

They sat in a nice coffee shop, he was too nervous to say anything, she felt uncomfortable, she thought, please, let me go home… suddenly he asked the waiter: “would you please give me some salt? I’d like to put it in my coffee.”

Everybody stared at him, so strange! His face turned red, but, still, he put the salt in his coffee and drank it.

She asked him curiously: why you have this hobby?  He replied: “when I was a little boy, I was living near the sea, I liked playing in the sea, I could feel the taste of the sea , just like the taste of the salty coffee. Now every time I have the salty coffee, always think of my childhood, think of my hometown, I miss my hometown so much, I miss my parents who are still living there”.

While saying that tears filled his eyes. She was deeply touched. That’s his true feeling, from the bottom of his heart. A man who can tell out his homesickness, he must be a man who loves home, cares about home, has responsibility of home..

Then she also started to speak, spoke about her faraway hometown, her childhood, her family. That was a really nice talk, also a beautiful beginning of their story.

They continued to date. She found that actually he was a man who meets all her demands; he had tolerance, was kind hearted, warm, careful. He was such a good person but she almost missed him!

Thanks to his salty coffee! Then the story was just like every beautiful love story, the princess married to the prince, then they were living the happy life…And, every time she made coffee for him, she put some salt in the coffee, as she knew that’s the way he liked it.

After 40 years, he passed away, left her a letter which said:

“My dearest, please forgive me, forgive my whole life lie. This was the only lie I said to you—the salty coffee.  Remember the first time we dated? I was so nervous at that time, actually I wanted some sugar, but I said salt. It was hard for me to change so I just went ahead. I never thought that could be the start of our communication! I tried to tell you the truth many times in my life, but I was too afraid to do that, as I have promised not to lie to you for anything.. Now I’m dying, I’m afraid of nothing so I tell you the truth: I don’t like the salty coffee, what a strange bad taste.. But I have had the salty coffee for my whole life! Since I knew you, I never feel sorry for anything I do for you. Having you with me is my biggest happiness for my whole life. If I can live for the second time, still want to know you and have you for my whole life, even though I have to drink the salty coffee again”.

Her tears made the letter totally wet.

Someday, someone asked her: what’s the taste of salty coffee? It’s sweet. She replied.

 

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