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“हैकरों द्वारा जागरण की नीतियो का अपहरण”

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
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दोस्तों मैं पिछले कुछेक दिनों इस मंच से दूर क्या रहा , यहाँ पर साइबर अपराधियों और साफ़ सुथरी ब्लागिंग को प्रदूषित करने वाले अवांछित तत्वों का बोलबाला हो गया ….. और इस बार उन्होंने इतने सुनिओजित तरीके से अपना जाल फैलाया है की सभी ब्लागर्स देख कर भी आँख वाले अन्धे बने हुए है , और जागरण तो तभी कुछ करेगा + जागेगा , जब मुझ सरीखा कोई सिरफिरा यह मुद्दा उठाएगा …….
हम सभी यह जानते है की कमेन्ट मुझ सहित हम सबकी कितनी बड़ी कमजोरी है …… इसके लिए हम क्या -२ नहीं पापड़ बेलते है , बल्कि कई बार अनचाहे समझौते करते हुए शिर्षासन करने की हद तक भी जाने में गुरेज नहीं करते है …… हमारे में से कुछेक ब्लोगर्स फर्जी मेल आई डी से खुद के ही ब्लागों पर अपनी तारीफ रूपी कमेन्ट किया करते है …….
हम सबकी इसी कमजोरी का फायदा कुछेक शैतानी प्रवर्ति वाले मानसिक रोगी फर्जी खाते खोल कर उठा रहे है ….. इन सबके नाम या तो इंग्लिश में है या फिर उटपटांग के जिनका की कोई अर्थ ही नहीं निकलता है …… इनके काम करने का चिरपरिचित तरीका यह है की यह एक बार में किसी एक ब्लागर को चुन लेते है …… और उसके सभी ब्लागों पर अपनी अनाप शनाप टिप्पणीओ की झड़ी लगा देते है …… दूसरे ब्लागर चाहे इस छत फाड़ कर टप टप बरसती हुई कमेन्ट की मूसलाधार वर्षा का आनंद उठा रहे हो …… लेकिन मैं इस बिन मांगी मुराद को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं कर सकता हूँ …..
अब आप इसके नुक्सान भी देख लीजिए जरा :-
*यह इनकी जागरण को भर्मित करने की सोची समझी चाल है की सवार्धिक टिप्पणियाँ प्राप्त ब्लाग्स अब इनके इशारे पर ही उस सूची में शामिल हुआ करेंगे , नतीजा यह निकलता है की जागरण इनके सामने असहाय तथा लाचार होकर रह गया है …… अब ब्लागर तथा जागरण इनके रहमोकरम पर है की जिसे चाहे यह उस सूची में शामिल करवा दे …..
*आप कभी भी यह पता नहीं लगा सकेंगे की आपको असल में कितने असली कमेन्ट मिले है और कितने फर्जी , क्योंकि आप भी मेरी तरह उनको डिलीट करने का जोखिम कभी नहीं उठाएंगे …….
*मेरे जीमेल खाते में यहाँ पर पोस्ट किये गए सभी कमेन्ट खुदबखुद ट्रांसफर हो जाते है ….. अब हालात यह हो गए है की मुझको अपना खाता देखने के लिए हर रोज सैंकडो कमेन्ट वहां पर से डिलीट करने के बाद ही अपनी वास्तविक मेल देखने का सोभाग्य प्राप्त होता है ……
चाहे कोई मेरा इस मुद्दे पर समर्थन करे या ना करे , लेकिन मेरी जंग जारी रहेगी ……
जो लोग मुझ पर अतीत में अपनी लीडरी चमकाने का आरोप लगाते रहे है ……. अब तो मैंने उन सब के लिए , अपनी निजी तथा तकनीकी मज़बूरी में ही सही , खुला मैदान छोड़ रखा है , अब कोई खुल कर क्यों नहीं अपने निजी स्वार्थ त्याग कर इस मुद्दे पर अपने मुख पर लगा ताला हटाता है ? ………
मैं उम्मीद करता हूँ की जागरण जंक्शन तवरित कदम उठाते हुए इन असमाजिक तत्वों को “ब्लाक” करेगा जोकि अपनी नीच हरकतों से साफ़ सुथरी ब्लागिंग को बाधित करते हुए जागरण की नीतियो को भी प्रभावित कर रहे है ……
आशावान
राजकमल शर्मा

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