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इस जागरण मंच के मेरे सभी साथियों को नमस्कार +अभिवादन +प्रणाम आजकल मैं इस मंच से दूर चल रहा हूँ और यह दूरी आगे भी बनी रहेगी
आज आपके पास आने का कारण मुझको हमारे सबके प्यारे+दुलारे + मासूम+ अबोध जी का सन्देश बना जिसमे की उन्होंने बड़े ही दुखी मन से यह बताया है की उनकी पूज्य माता जी की तबियत बहुत ज्यादा खराब होने की वजह से वोह आजकल भारत में ही आये हुए है
मैं इन बातों में उलझा हुआ था की क्या उनके इस सन्देश को सावर्जनिक करना चाहिए की नहीं
मुझको यह मालुम नहीं की उन्होंने मेरे इलावा और किसी को इस खबर को बताया है की नहीं
जब हम इस मंच से जुड़े है तो इसके कारण से बने हुए सम्बन्धों की वजह से हम सभी आपस में एक बहुत बड़े परिवार के सदस्यों की भांति ही हो गए है
किसी एक का दुःख और सुख सभी का सांझा सुख और दुःख बन जाता है यह हमने पहले भी बहुत से मामलों में देखा है
अभी कुछेक दिनों पहले का ही ताजातरीन उदाहरण हमारे सामने है जबकि हमारे आकाश भाई के रोड एक्सीडैंट के समय ज्यादातर ब्लोगर्स द्वारा द्वारा उनके लिए दुआए और प्रार्थनाएं की गयी तथा उनको ढ़ेरो शुभकामनाएं प्रदान की गयी
जिससे उनको असीम हौंसला तथा नैतिक बल मिला तथा उनमे खुद में हम सभी के लिए जल्द से जल्द ठीक होने की आशा बलवती हुई
मेरा आप सबसे यह सविनय अनुरोध है की आप सभी अबोध बालक जी की पूज्य माता जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए अपने -२ इष्टदेव से प्रार्थना जरूर करे
जहाँ तक मेरा सवाल है तो मैंने तो भगवान से करीब एक साल पहले एक लड़की का प्यार पाने के लिए दिल से प्रार्थना की थी
फिर बीच में मेरा भक्ति का पाखंड और आडम्बर शुरू हो गया था पहले ही की तरह से लेकिन यह सिलसिला टुटा हमारे आकाश भाई के लिए प्रार्थना करने के समय और आज फिर से मैं पिछले एक साल में तीसरी बार भगवान से दिल से प्रार्थना करने जा रहा हूँ
आप सभी से यह प्रार्थना है की आप खुद भी प्रार्थना तो करे ही साथ में मेरी प्रार्थना के कबूल होने की भी दुआ कीजियेगा
आपसे एक और निवेदन है की इस लेख पर कोई भी कमेन्ट रूपी विचार प्रकट करने की बजाय आप प्रिय अबोध जी के ब्लॉग पर ही अपनी प्रार्थना अर्पित कीजियेगा क्योंकि मैं समयाभाव के कारण किसी के भी कमेन्ट का जवाब नहीं दे सकूंगा
अपने इष्टदेव भगवान भोले शंकर से माता पार्वती और उनके पूरे परिवार सहित हमारे सभी के प्रिय अबोध जी की पूज्य माता जी से प्रार्थनारत
राजकमल शर्मा
मैंने अपने इस लेख में जानबूझ कर कोमा और फुलस्टाप का प्रयोग नहीं किया है उम्मीद करता हूँ की आप मेरी भावनायो को समझते हुए सहयोग करते हुए इससे असुविधा नहीं मानेंगे
http://abodhbaalak.jagranjunction.com/2011/05/12/हाय-मैंने-ये-क्या-कर-डाला/
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