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दोस्तों आपको यह बताते हुए मुझको असीम प्रसन्नता हो रही है की जागरण जंक्शन ( J j ) ने हम सभी ब्लागरो के लिए एक नयी प्रतियोगिता रखी है जिसकी समय अवधि एक फरवरी से पन्द्रह फरवरी तक के बीच में वासना रहित पवित्र प्रेम नामक विषय पर पोस्ट की गई सभी तरह के रचनाओ पर इनाम और इकराम दिए जाएंगे …..
मेरे द्वारा यह लेख लिखने के दो मुख्य कारण है :-
*बहुत से ब्लागरो के पी. सी. पर नेट की समस्या के कारण मेरी तरह जागरण का घरेलू पेज नही खुलता है ….. इससे उनको इस प्रतियोगिता की जानकारी मिल जायेगी …
*जब भी कोई भी प्रतियोगिता शुरू होती है तो मेरे पिछले जन्म के श्वान वाले जन्म के प्रभाव के कारण मुझ कुत्ती चीज को कुछ न कुछ भी लिखने की खुजली हो जाया करती है …..
जैसा की इसके नाम से ही जाहिर है की यह प्रतियोगिता ‘वेलेंनटाइन – डे’ यानी की “प्यार” पर आधारित है ….. तों आप आज से ही प्यार की देवी वीनस और रति तथा देवता कामदेव की पूजा अर्चना शुरू कर दीजिए ….. प्यार में सफलता पाने के लिए नही बल्कि प्यार पर कुछ लिख कर प्रतियोगिता में इनाम पाने के लिए …… वैसे यह भी सभी जानते है की इनाम जीतने से कहीं ज्यादा प्रतियोगिता में भाग लेना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है , इसी को तों कहते है खेल भावना यानि की स्पोर्ट्समैनशिप ….
दोस्तों पिछली बार की ही तरह इस बार भी इसकी सुचना देने वाली भाषा शैली भर्मित करने वाली ही रही है ….. जिसमे की ब्लागरों की बजाय यूजर्स शब्द का इस्तेमाल किया गया है ….खैर हमको इस बार इस बारे में चिंता करने की जरूरत नही है ….. क्योंकि इस बार चिंता करने की बारी जागरण परिवार वालो की है ….. इस बार भरम में रहने की हमारी बजाय उनकी बारी है …
बहुत से ब्लागरों को यह जान कर और भी खुशी हो सकती है की इसमें जागरण परिवार के सभी सदस्य भाग नही हो सकते है ……
लेकिन यार लोगों को इस बात की तनिक भी खुशी नही हुई है , उसके एक नही बल्कि अनेको कारण है ……
*इस बात में क्या दिक्कत थी अगर जागरण परिवार के सभी वैतनिक सदस्य और हम सभी ब्लागर एक साथ एक ही प्रतियोगिता में भाग ले लेते ?….
*क्या प्यार पर लिखने का हक सिर्फ हमे ही है , उन्हें क्यों नही है ?
*क्या प्यार सिर्फ हमी ने ही किया है , वोह सभी प्यार से अछूते है ?
*क्या उन्होंने कभी भी किसी से प्यार नही किया है ? या फिर प्यार पर लिखना नही चाहते है ?
*क्या उनमे प्यार के लिए कोई एहसास नही है , इसलिए क्या वोह प्यार पर लिख नही सकते है ?
माना की यह हमसे सीनियर है , लेकिन अब तक तो यह हम सभी ब्लागरों के टिप्पणियाँ रूपी प्रहार सह -२ कर किसी हद तक मानसिक रूप से तैयार हो ही चुके है ….. जब भगवान ब्रह्मा जी देवताओ और असुरों को एक ही समय पर लंगर खिलवा सकते है तो हम सभी सीनियर और जूनियर एक ही समय पर किसी प्रतियोगिता में भाग क्यों नही ले सकते है …..
कौन सा पहाड़ टूट पड़ता अगर सभी के एक साथ भाग लेने पर सभी इनाम हम ब्लागर जीत जाते …. माना की इससे उनकी शान किसी हद तक कम हो जाती लेकिन इस मंच की शान तो बढ़ ही जाती ….
प्यार के लिए फिरता मारा -२ एक बेचारा प्रतिभागी
राजकमल शर्मा
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