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जागरण सम्पादकीय ब्लाग स्टार प्रतियोगिता {समापन विशेष}

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
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दोस्तों जो लोग मेरी असली फितरत से भली भांति परिचित है वोह तो मेरे इस लेख को बड़े ही आराम से हजम कर लेंगे …. इसके दो कारण है :-

*इस मंच पर सिर्फ मैं ही ऐसा मरदूद हू जिसने की हमारे प्यारे जागरण की हरेक प्रतियोगिता पर कुछ ना कुछ लिखा है , फिर वोह चाहे ऐसा हो या फिर वैसा ….

*मेरे सौ से ज्यादा लेखों का दस प्रतिशत इन प्रतियोगितायों पर लिखे गए लेख है ….

                   इसलिए जब मुझको यह खबर मिली की जागरण की  “सम्पादकीय ब्लाग स्टार प्रतियोगिता” समाप्त हो गई है तो मेरे सारे तन बदन में खुजली की लहर सी दौड़ गई और दिमाग में कीड़े कुलबलाने लगे …… इसके परिणामस्वरूप  मैं अपनी पुरानी कुत्ती आदत के अनुसार आपकी सेवा में यह लेख लिखने बैठ गया ….

                             दोस्तों आप लोगों ने ‘बूमरैंग’ का नाम तो सूना ही होगा … यह आदिवासियों का एक ऐसा हथियार है जो की उनके निशाने पर वार करने के बाद शिकारी के पास वापिस भी आ जाता है सकुशल ….. यहाँ पर मेरा मकसद इसका जिक्र करने का बस इतना है की अगर हम अपने कमेण्ट कों देखे तो ब्लागिंग में हम हमारे कमेण्ट कों बूमरैंग का नाम बड़ी ही आसानी से दे सकते है ….

             जब भी हम किसी कों कमेण्ट देते है तो उसके दो मकसद होते है …. पहला तो यह कि लेने वाला उसका उचित आदर सत्कार करते हुए उसका अपने ब्लाग पर तो उत्तर दे ही साथ में हमारे ब्लाग पर भी हमको अपने कीमती कमेण्ट से नवाजे ….. इस लिहाज से यह लेनदेन की एक अनवरत प्रकिर्या है , जो की अपने निर्बाध रूप में चलती रहती है …. सभी की इसमें मूक  सहमती रहती है , इसलिए यह धन्धा दिन दोगुणा और रात चोगुणा फलता रहता है …..

            दोस्तों ,  जिन टिप्पणियों के लिए हम अपनी जी जान लड़ा देते है , प्राप्त करने के लिए ना जाने क्या -२ हथकण्डे अपनाते है …… उन सभी का जवाब ना देकर इस सम्पादकीय ब्लाग स्टार प्रतियोगिता में ज्यादातर प्रतिभागियों ने हमको ठेंगा दिखा दिया है …. अगर किसी भी लेख को प्राप्त टिप्पणियाँ ही जीत  का मापदण्ड है तो फिर हमारी टिप्पणियों कों अपने पैरों में रौल कर इस तरह उनका अपमान क्यों किया गया , यहाँ पर मैं किसी भी ब्लोगर के अपमान की बात इसलिए नही कर रहा हूँ क्योंकि मैं नही समझता की हमारी कोई भी इज्जत है …….

                                दोस्तों पिछली बार जब ब्लागरों की प्रतियोगिता हुई थी तो उस समय इस मंच की एक लेखिका आदरणीय अदिति कैलाश जी ने अपने श्री मुख से अपना पर्दा हटा दिया था ….. क्योंकि सभी ब्लागर कहते थे और चाहते भी थे की उनको ही पहला पुरस्कार मिले , शायद इसलिए उनको भी पूरा विश्वाश हो गया था की हो ना हो उनको ही पहला पुरस्कार मिलेगा ….

                   लेकिन जागरण वाले तो ठहरे सुंदरता की बजाय प्रतिभा के पुजारी और टिप्पणियों कि बजाय दूसरे अहम कारणों कों देखने वाले …. इसलिए उन्होंने सबकी अपेक्षायो कों धता बताते हुए बजुर्ग खुराना चाचा जी कों पहले इनाम का अधिकारी घोषित कर दिया ….. इसका मतलब तो यही हुआ की टिप्पणियों का मूल्य और महत्व ना तो पहले था और ना ही अब भी है ….. इसलिए इस बार भी मुझको जागरण वालो से यही उम्मीद है की वोह अपनी सबसे सुन्दर ब्लागर आदरणीय कोमल नेगी जी , जोकि आदरणीय निशा मित्तल जी कि तरह समाजिक विषयों पर लिखती है , की बजाय किसी बजुर्ग कों ही पहले इनाम का हकदार बनाएंगे …..

                  दोस्तों एक तो जागरण वालों ने हम सभी कों उलझा कर रख दिया है …. एक तरफ तो यह हमको इस समाचार से अत्यंत खुशी से भर देते है की हम ब्लागर भी इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते है ….. दूसरी तरफ हमको इस प्रतियोगिता के ना तो नियम और कायदे बताए जाते है और ना ही यह बताया जाता है की इसमें हम लोग किस प्रकार से भाग ले सकते है …..

                 अब मुझको थोड़ा -२ सा शक सा हो रहा है की इस मंच की ब्लोगर रौशनी जी कों अपने किसी खास सूत्र द्वारा इस प्रतियोगिता के बारे में कुछेक गुप्त बाते पता चल गई है ….. शायद इसीलिए उन्होंने भी अदिति कैलाश जी की तर्ज पर अपने श्री मुख से एन प्रतियोगिता के इनामो कि घोषणा से पहले पर्दा हटा कर खुद कों अँधेरे में से  निकालते हुए रौशनी में कर लिया है ….. उनको पहला पुरस्कार मिले मुझको कोई भी गम नही है …. लेकिन डर है तो सिर्फ इसी बात का की खुद ‘खुदा’ जिनका दीवाना है अगर उनको भी किसी छोटे मोटे पुरस्कार कों पाकर गहरा सदमा लगा और वोह इस मंच कों छोड़ कर चली गई तो फिर इस मंच से उनके साथ खुद खुदा भी चला जाएगा …..

                           प्रतियोगिता में भाग लेकर भी , सभी इनामो का हकदार होते हुए भी , किसी भी इनाम कि इच्छा ना रखने वाला एक अदना सा प्रतिभागी !

                                                  राजकमल शर्मा                               

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