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दोस्तों आज मैं जिस विषय को लेकर आपके दरबार में हाज़िर हुआ जाता हूँ ….वोह हम सभी ब्लोगर्स के जीवन का एक बहुत ही अहम हिस्सा है …..इसके बिना 99 % ब्लोगर्स ब्लागिंग की कल्पना भी नहीं है कर सकते ….और वोह है हम सबका प्यारा , दुलारा और चहेता – कमेन्ट …..और हो भी क्यों ना ….इसी से तो हम सबको कुछ नया करने का + और बेहतर ढंग से लिखने की उर्जा मिला करती है ….यहाँ पे बार -२ आने का एक आकर्षण फीचर्ड ब्लाग के साथ -२ कमेन्ट भी है ….
मैं खुद अपनी रचना को पोस्ट करने के बाद कम से कम दो बार बहुत ही धड़कते हुए दिल से देखा करता हूँ कि किसने मेरे बारे में क्या कहा है ….इनमे ही तो हमारी जान बसती है …. इसके बिना कौन जीना चाहता है ….यह गर ना हो तो जीवन कितना नीरस हो जाएगा ….इसकी कितनी अहमियत है …यह निम्नलिखित बातो से ही पता लग जाता है :-
1. कई बार ऐसे रहस्योदघाटन भी हुए है की फला ब्लोगर ने दूसरी आई . डी . से खुद पे ही कमेन्ट किये है …
2.दूसरों के ब्लोग्स पे जाकर उनसे गुज़ारिश की जाती है की मेरी अमुक रचना पर अपना कीमती कमेन्ट कर मुझको कृतार्थ करे …..अगर सीधे से मान गए तो ठीक है …वर्ना अप्रत्यक्ष रूप से धमकी भी दी जाती है ….और मैं तो ठहरा निहायत ही कमज़ोर आदमी …. इसीलिए मैं तो धमकी की नौबत आने ही नहीं देता बल्कि उससे पहले ही गुज़ारिश पे ही कमेन्ट करने पहुँच जाया करता हूँ ….अरे भाई अपनी इज्ज़त अपने ही हाथ में रहे तो ठीक रहता है …
3.यहाँ का एक अलिखित और सर्वमान्य सिद्धांत है …. जो कि बिल्कुल नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी के स्टाइल में अमल में लाया जाता है …और वोह है – “ तुम मुझको कमेन्ट दो , बदले में मैं भी तुमको कमेन्ट दूँगा ….अब यार लोग तो ठहरे आज़ाद तबियत के और ख्यालात के ….लेकिन जब यहाँ पे रहना है तो यहाँ के कायदे कानून भी तो मानने होंगे ना हमको ….तो इसके लिए मैंने यह बीच का रास्ता निकाला है कि अपनी हर रचना को पोस्ट करने के बाद लघभग चौबीस घंटे तक में किसी के भी ब्लॉग पे कोई भी कमेन्ट नहीं करता हूँ …कयोंकि मुझको सौदेबाजी या ब्लैकमेलिंग कतई भी पसंद नहीं है ….
4.कुछेक ब्लोगर्स कमेन्ट पाने के लिए दूसरों कि भावनायों का शोषण भी करते देखे जाते है ….अक्सर इसी फेर में दोस्तिया गांठी जाती है …या फिर व्यक्तिगत संबंघों का तानाबाना बुना जाता है ….ताकि हम कैसा भी क्यों ना लिखे कमेन्ट तो हमको मिलता ही रहे ….इसीलिए यह अक्सर ही देखने को मिलता है जब ब्लोगर्स कहते है कि :-
आपका कमेन्ट इस बार देर से मिला ….या फिर –आपने मेरी अमुक रचना पे कोई कमेन्ट नहीं दिया ….अपने विचारों से हमको अवगत करवाइए ..अरे भाई अगर मुझ से कोई ऐसा वेसा कमेन्ट करवाना है तो पहले मेरे खाता नम्बर 09876543210786 में अच्छी खासी रकम जमा करवाइए ….
5. कुछेक चुनिंदा ब्लोगर्स अपने पर ज़ुल्म और सितम कि झूठी और सच्ची कहानिया सुंदर शब्दों में पिरो कर पेश किया करते है …..ताकि सहानभूति कि नौका पे सवार हो के कमेन्ट रूपी चप्पुओं का सहारा ले कर इस ब्लागिंग कि वैतरिणी को पार किया जा सके ….उनकी काठ कि हांडी अक्सर चूल्हे पे चढ़ी ही रहती है …..और पप्पू पास होते रहते / रहती है …..ना जाने हम कब समझेंगे ?…. और हमको कब अक्ल आएगी ?….
6. अब तो अक्सर मैं खुद भी नाम देख कर कमेन्ट किया करता हूँ …कि फला ब्लोगर कि पोस्ट आई है तो उसपे तो कमेन्ट करना ही है….कयोंकि अगर हम दूसरों को इज्जत नहीं देंगे तो दूसरे हम पर काहे को लानत डालेंगे भाई ! ….
शुक्र है की सम्पादक विभाग वाले भी मेरी तरह सिर्फ नाम को देख कर ही ब्लोग्स को फीचर्ड नहीं है करते ….फिर तो यार लोगो का आजतक एक भी ब्लॉग फीचर्ड ना हो पाता …..
यह कमेन्ट भी अजीब शह है यारो ….सबसे पहले तो इस बात कि चिंता कि मुझको कोई पड़ता भी है कि नहीं ….उसके बाद यह शिकायत कि इतने लोगो ने पढा लेकिन कमेन्ट के वक्त ज्यादातर लोग कन्नी काट गए ….और कमेन्ट मिल गए तो फिर अगर कोई उनमे ऐसा वेसा हुआ तो उसकी अलग से परेशानी ..कि इस गन्दी मछली को टोकरे से निकाल के कैसे बाहर करे ? ….
और अंत में सबसे अहम बात जो मैं आप सबसे कहना चाहता हूँ कि अक्सर ही हम किसी भी अच्छी पोस्ट को देख कर झट से कमेन्ट जड़ देते है कि – अच्छी पोस्ट , बहुत -२ बधाई ! हो बधाई !! …. मेरी उस पाक परवरदिगार से यही प्रार्थना है कि खुदा ऐसे सभी ब्लोगर्स को अगले ज़न्म में बीच वाली योनि में ही रखे …
कि बच्चू तब तो फ्री में तड़ाक से बधाई दिया करते थे …
लो अब ताली बजाकर बधाई दो और साथ में पैसे भी कमाओं ….
(आपने गौर किया होगा की जब से हमको इस बात का ज्ञान हुआ है और हमारी तीसरी आँख खुली है ….तबसे हम सभी को बधाई की जगह पे मुबारकबाद देने लग गए है….)
मेरे इस लेख को सभी पढ़ने वालो से…… पहले तो कमेन्ट कि गुज़ारिश.. नहीं तो बाद में कमेन्ट दे देने कि धमकी के साथ ….
अंत में सभो ब्लोगरो से इसी इल्तजा के साथ विदाई लेता हूँ कि …यह दुनिया है ! होता है ! चलता है ! दिल पे मत लेना मेरे यार !!
राजकमल शर्मा ( दुखीः )
जरूरी नोट :- ( अगर किसी की भी मेरे इस लेख को पढ़ कर भावनाए आहत हुई हो ..या फिर दिल पे कोई ठेस लगी हो तो आप सभी से निवेदन है की मुझसे माफ़ी मंगवा कर मुझको शर्मिन्दा करने की जहमत मत उठाए …कयोंकि यह तो आप लोगो का हर बार का शुगल हो गया है ….और अब तो आप सभी को मुझ को बर्दाश्त करने की आदत ड़ाल ही लेनी चाहिए …कयोंकि हमारा तो पेशा ही यही है … अगर घोड़ा घास से यारी करेगा तो फिर खायेगा क्या ? ……)
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