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-rachna {meri aur aap sabki}

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
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अपनी -2 रचना के हम माता -पिता दोनों ही होते है और पालनहार भी-जिसे जनम देना तो हमारे ही हाथो में होता है लेकिन “मौत” देना नहीं-हमारी रचना एक bacche

की तरह होती है-वोह लड़का है या लड़की इसका फैसला आप खुद ही कर ले-
वेसे मेरी नज़र में वोह लिंग भेद+जाती भेद+ऊंच नीच+अमीरी और गरीबी इन सब से कही उप्पर होती है-हम सबका यही फ़र्ज़ है की उसको किसी नव जात भ्रूण की तरह किसी कुडे के ढेर पर मत्त फेंके-बल्कि उसको किसी अच्छी जगह{जागरन jank
शन ब्लॉग } पर रख दे-
अगर कोई हमारे bachhe{रचना} को अच्छा कहता है तो उसका तहे दिल से स्वागत करे लेकिन भूल कर भी फूल कर कुप्पा या कुप्पी न हो जाये-और न ही खुद के अच्छे माता-पिता होने पर गर्व करे-क्योंकि सुधार की तो हमेशा ही गूंजा ash रहती है-और अगर कोई उसको बुरा-भला कह दे तो कभी भी कहने वाले के प्रति अपना man मैला न करे-क्योंकि एक वोह ही तो है जो की आपका saccha हितऐशी है-हाँ मीठी-२ बातो वालो से भी ज़रूर सावधान रहे-
दोस्तों हम सब कोई डाकिया नहीं है जो की किसी दुसरे की चिट्ठी फ़ेंक कर चले गये-और पिच्छे मुड़ कर भी न देखे-जेसे की उस से कोई सरोकार न हो-वोह तो हम ही लिखने वाले+पोस्ट करने वाले और पड़ने वाले भी होते है- बेशक उसको दुसरे भी पड़ते है- है न कितनी अदभुत बात -तो baccha log isi बात पर bazao taali-
और अब बात करे प्रतिकीरआओ की तो उसमे तो और भी गज़ब है yaro -ऐसा lagta है की jese सभी की इस बारे में एक ही राय बन गयी हो की “पहली प्रतिकिर्या व़ोही दे-जिसने पाप न किया हो-जो पापी न हो-
वेसे मेरी पत्नी का नाम भी इत्तेफाक से रचना ही है-और मेरे baccho के नाम है पिंकी- रिंकी- चिंकी-मिनकी-tin ki+सोनू -मोनू और घोंनु-२-४ बरस ठहर जाओ-अगले वर्ल्ड कैप तक एक नई टीम दे दियागे tohanu -हहहहः
सिर्फ दुसरो पे हँसना ही जिंदा dili नहीं होती है yaaro-
कभी तो खुद पे भी hassa karo yaaro-
कोई galti हो तो maaf कर देना-
आपका अपना जो हो न ska-\magar हो sakta था-
सिर्फ और सिर्फ-kamal

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